Tuesday 24 January 2023

रूठे हो जिससे

 तुम रूठे हो आज जिससे कभी उसका रूठना न भाता था

उसकी एक झलक को मन पागल हो जाता था

कभी बताया नहीं तुमको उसको इतनी बेरुखी किस बात की है

सबसे पूछते हो हाल चाल उससे ये खामोशी किस बात की है

कभी तो उसको याद करते होगे कभी तो दिल तुमने भी लगाया था

चलो मान लेते है बदल गया सब पर सपनों का भी तो घर सजाया था

इस तरह का व्यवहार अच्छा नहीं मन की गांठे खोलो तुम

उसको पूछो कैसी है वो अपने मन की बोलो तुम

ऐसे रूठने से बात कहा बन पाएगी

कुछ दोस्त तुम्हारे छूट जाएंगे 

ये बात देर से समझ आएगी


Sunday 8 January 2023

वही जगह

 देखो वही जगह

देखो अक्सर उसी जगह आ जाती हूं मैं

जहां छोड़ा था तुमनें मुझे

तुम्हारे हिस्से का एक हिस्सा बहुत वफादार निकला

उसने नहीं छोड़ा मुझे

वो हैं तुम्हारी यादें

अक्सर आ जाती है 

बिन बुलाए

मेरे होठों पर मुस्कान ला देती है

और मेरी आंखों में नमी

उसके बाद में यादों की

झड़ी सी लग जाती है

मैं आसहाय सी हो जाती हूं

लेकिन फिर यथार्थ को पुकारती हूं

उसे ढूंढती हूं

और पूछती हूं

कहां चले जाते हो तुम मुझे छोड़ कर 

वो आ गई थी फिर मुझे परेशान करने बिन बुलाए

Thursday 15 September 2022

प्रेम और प्रिय

 बरसात के इस मौसम में कैसे मन मेहकाता हैं

हल्की फुल्की बूंदों से मन चंचल हो जाता है

फिर याद किसी की बड़ कर दिल को आने लगती हैं

फिर पिया मिलन की आस मन को सताने लगती हैं

मन सावन सा झूम झूम के प्रिय का नाम पुकारता हैं

आंखो में तस्वीरों का एक मेला सा लग जाता हैं

रैन जागते सोते जैसे तेसे कट जाती हैं

दिन भर ख्याल तुम्हारा हमको ले जाता हैं

इधर उधर से नाम तुम्हारा अब अक्सर सुनाई पढ़ता है

हंसते हंसते अब आंखें पानी सा आ जाता हैं

सहमी

 मर्दों को चुप और सहमी लड़कियां पसंद आती

जो बस उनके आगे पीछे अपना जीवन जिए

बिना सवाल किए बस करे काम

जो मुंह खोले तो बस बोले हां जी

उनकी पाठशाला में सब पढ़ाया जाए

बस बराबरी का पाठ न पढ़ाया जाए

दूर रहें वो तेज़ और चालाक लड़कियों से

जो हर बात पर करती है तर्क

जो हर समय मर्दों की बराबरी करती 

दूर रहे वो आजाद ख्याल वाली लड़कियों से

अगर आजाद ख्याल की लड़कियों का साया पड़ा

तो वो भी करेंगी तर्क

फिर वो भी करेंगी मनमानी

ऐसी लड़कियों से कौन ब्याह करेगा फिर

कौन समझेगा स्त्री के भी कुछ सपने होंगे

उसका जीवन केवल मर्द को सुधारने के लिए नहीं हुआ है 

Thursday 1 September 2022

चुनाव

 जीवन में चुनाव बहुत जरूरी है

चाहे वो किसी भी रूप में हो

चाहे वो सरकार का हो या 

आहार का

चाहे वो दोस्त का हो या

 विचार का

चाहे वो विषयधारा का हो या

 पेशा का

चाहे वो जीवनसाथी का हो या

 प्रेमी का

चाहे वो नियम का हो या

 अनुशासन का

चाहे वो विश्वास का हो या

 आस्था का

                    

Friday 3 July 2020

अंतर्मन की आवाज़

अंधेरी रैन
वायुमंडल  वीरान
अगल-बगल से आती ध्वनियाँ 
 जो दिन के शोर में संलग्न हो 
जाती हैं 
अब स्पष्ट सुनाई देती है
जैसे खुद को अब खोज पाया हो
जैसे अब वक़्त मिला खुद को व्यक्त करने का 
इन ध्वनियों की तरह 
रात के सन्नाटे में कभी खुद को टटोला 
है
कभी खुद से की है वार्तालाप
उस समय सिर्फ तुम तुम्हारे साथ होगे 
अंतर्मन की गूँज स्पष्ट सुनाई देगी
तुम तुम्हारी खोज के सबसे करीब होगे
तुम्हें वो अंतर्मन की चेतना दृश्यमान प्रतीत होगी
और तुम अपने अस्तित्व सें भलिभांति परिचित हो सकोगे ।

Saturday 16 May 2020

अपना घर?


लड़की  ने भाई से कहा-
घर गंदा मत कर
साफ रख
बिस्तर पर बर्तन मत रख
अभी साफ किया आगंन 
 तुमने गंदा कर दिया ।
लड़का बोला-
टोका टाकी यहां नही
चलेगी
अपने घर जाओ
वहां करना
लड़की क्षण बर सोचने लगी
 अपना घर?
  * * *
आज खाना जल्दी बना लूँ
लड़की ने बोला
काम जल्दी खत्म कर लूँ 
मम्मीजी खाना रख दूँ 
-रख दे ।
बर्तन गिरा
आवाज़ आई
-तेरे बाप ने नहीं 
भेजे
जो तोड़े जा रही है 
अपने घर जा कर 
तोड़ना
लड़की पुनः सोचने लगी
अपना घर ?